शरद विषुव पर, शरद ऋतु के रंग पूरी तरह खिल उठते हैं। इस दिन, जब दिन और रात बराबर होते हैं, प्रकृति अपने सबसे समृद्ध रंगों से शरद ऋतु की प्रचुरता को चित्रित करती है। शरद विषुव केवल कविताओं में ही नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी रचा-बसा है। आप अपने जुनून को साथ लेकर चलें और शरद ऋतु के उत्साह को गले लगाते हुए मुस्कुराते रहें।